जज़्बात एक्सप्रेस कथा जज़्बात एक्सप्रेस कथा
मेरे दिल के हर कोने में, इस कदर हमने तुझे बसाया है। मेरे दिल के हर कोने में, इस कदर हमने तुझे बसाया है।
मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ। मैं फिर उन गलियों से गुजरने चली हूँ।
तुम्हारे प्यार की महक उनमें छाने लगीं है...... कागज के फूल से भी अब खूशबू आने लगीं है तुम्हारे प्यार की महक उनमें छाने लगीं है...... कागज के फूल से भी अब खूशबू आन...
वो सर से पाँव तक पूरी इशारा। वो सर से पाँव तक पूरी इशारा।
इतने लालों की माई मैं, क्यों इतनी असहाय पड़ी। इतने लालों की माई मैं, क्यों इतनी असहाय पड़ी।